छत्तीसगढ़ में किस रास्ते से नशा पहुंच रहा है देखें
छत्तीसगढ़ में किस रास्ते से नशा पहुंच रहा है देखें
गरियाबंद जिले की सीमा से लगे हुए धमतरी और उड़ीसा का प्रदेश सीमा रेखा की मौजूदगी तस्करों के लिए वरदान साबित होती जा रही है उड़ीसा के जरिए लगातार प्रदेश भर में गांजे की तस्करी धड़ल्ले से चल रही है बस्तर जिले से होकर आने वाले सड़कों और वहीं सड़क अंदर ही अंदर धमतरी से गरियाबंद होते हुए राजधानी की पहुंच तक मार्गों की सुविधा तस्करों के लिए वरदान साबित हो रहा है । पहले अवैध रूप से गांजे की तस्करी इस मार्ग से होती थी अब वन्य प्राणियों की तस्करी के लिए भी तस्कर इस मार्ग का उपयोग करने लगे हैं लगातार गरियाबंद जिले में विलुप्त प्रजाति के शेर की खाल मिलना लगातार तेंदुए के अवैध शिकार कर उनकी खाल को बेचने के लिए ग्राहकों की तलाश करते हुए आरोपी गढ़ पुलिस के हफ्ते चार जाते हैं वही वन विभाग इन सब मामलों में सिर्फ एक सफेद हाथी ही साबित हो रहा है पिछले 2 वर्षों में गरियाबंद जिले की मैनपुर और देवभोग पुलिस वन्य प्राणियों की तस्करी करने वाले आरोपियों को धर दबोचा ने में कामयाब रही है वहीं वन विभाग के हाथ खाली रहे हैं । इस वर्ष के शुरुआती दिनों से लेकर आज दिनांक खबर लिखते तक चार नग जिंदा पेंगोलिन जिन्हें विलुप्त प्रजाति काजू स्वयं वन विभाग के द्वारा बताया जाता है उनकी खाल और जिंदा जब्ती वन विभाग को कटघरे में खड़ा कर रही है वर्षों से एक ही जगह पदस्थ रहे अधिकारियों की भी इसमें सांठगांठ की बदबू आती है । आज ऐसा ही एक मामला सुबह सुबह पुलिस के हाथ लगा है जिसमें तीन तस्कर पुलिस के हत्थे चढ़े हैं । गरियाबंद पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि तीन लोग विलुप्त प्रजाति के वन्यजीव पेंगोलिन (खालखपरी) को अवैध रूप से बिक्री के लिए ग्राहक की तलाश में नगरी (धमतरी) क्षेत्र से गरियाबंद की ओर आ रहे है । मुखबिर से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने इस तस्करी वाले आरोपियों को दबोच ने के लिए एक टीम का गठन किया था इस टीम ने भुतेश्वरनाथ मंदिर रोड छिंदीला तिराहापारा के पास नाकाबंदी की । पुलिस को देख आरोपी मोटरसाइकिल से वापस उसी तरफ मुड़ गए इधर से आ रहे थे पुलिस ने भी वहां के द्वारा उनका पीछा किया और उन्हें ओवरटेक कर आरोपियों को धर दबोचा ।पकड़े आरोपियों के नाम — खेमान लाल कंवर ( मगरलोड, धमतरी ) और राकेश कुमार (नगरी, धमतरी ), रूपेश कुमार साहू ( भैसातरा राजिम, गरियाबंद)