जज बनकर हनुमान जी ने दो पक्षकारों की सुलह कराईई
- अशोकनगर। किराएदार और दुकान मालिक के बीच 60 हजार रुपए के लेनदेन को लेकर तीन माह से विवाद चल रहा था।
- जानकारी के अनुसार अमोदा रोड पर महेश साहू की दुकान अनिल ओझा ने किराए से ली है। अनिल वहां अनाज की फुटकर खरीदी करता है। उनके बीच लेनदेन भी चलता रहता है। महेश साहू ने बताया कि उसने 25 क्विंटल उड़द खरीदकर अनिल के नाम से वेयरहाउस में रखवाई थी। जब मैंने अनिल से दुकान खाली कराकर अपनी उड़द वापस मांगी तो अनिल 60 हजार रुपए मांगने लगा। जबकि मेरी तरफ से कुछ देना बाकी नहीं था। वहीं अनिल ओझा ने बताया कि महेश साहू ने फुटकर में मुझसे 83 क्विंटल सोयाबीन खरीदवाया था। जिसकी कुल कीमत 2 लाख 47 हजार रुपए थी। महेश ने दो किश्तों में 1 लाख 87 हजार रुपए दिए थे। मैंने शेष 60 हजार रुपए मांगे तो महेश ने मेरे नाम से 25 क्विंटल उड़द वेयरहाउस में रखवाकर गारंटी दे दी। जब मैंने दुकान खाली कर दी तो महेश ने न तो राशि दी और उड़द देने से भी मुकर गया।दोनों पक्षों ने सुलह के लिए शनिवार को हनुमान टेकरी का सहारा लिया। दुकान मालिक ने हनुमानजी को साक्षी मानकर उनके समक्ष 60 हजार रुपए रखकर कसम खाई और किरादार ने यह राशि लेकर सुलह कर ली।
के अनुसार अमोदा रोड पर महेश साहू की दुकान अनिल ओझा ने किराए से ली है। अनिल वहां अनाज की फुटकर खरीदी करता है। उनके बीच लेनदेन भी चलता रहता है। महेश साहू ने बताया कि उसने 25 क्विंटल उड़द खरीदकर अनिल के नाम से वेयरहाउस में रखवाई थी। जब मैंने अनिल से दुकान खाली कराकर अपनी उड़द वापस मांगी तो अनिल 60 हजार रुपए मांगने लगा। जबकि मेरी तरफ से कुछ देना बाकी नहीं था। वहीं अनिल ओझा ने बताया कि महेश साहू ने फुटकर में मुझसे 83 क्विंटल सोयाबीन खरीदवाया था। जिसकी कुल कीमत 2 लाख 47 हजार रुपए थी। महेश ने दो किश्तों में 1 लाख 87 हजार रुपए दिए थे। मैंने शेष 60 हजार रुपए मांगे तो महेश ने मेरे नाम से 25 क्विंटल उड़द वेयरहाउस में रखवाकर गारंटी दे दी। जब मैंने दुकान खाली कर दी तो महेश ने न तो राशि दी और उड़द देने से भी मुकर गया।
इसी बात को लेकर दोनों पक्षों ने शहर के कई गणमान्य लोगों की मदद ली, लेकिन कोई हल नहीं निकला। दोनों के पास दस्तावेजी सबूत नहीं थे। तब दोनों पक्ष अपने साथियों के साथ हनुमान टेकरी पर पहुंचे। वहां महेश साहू ने हनुमान जी के सामने मंदिर में 60 हजार रुपए और तीन माह का ब्याज रखा। अनिल ओझा ने भगवान के समक्ष अपनी लेनदारी लेना बताकर पैसे उठा लिए। इस तरह पिछले तीन माह से चला आ रहा विवाद खत्म हुआ।