50000 हजार खातों को मजाक बना रहा एसबीआई सारंगढ़

जन धन खाता बना बैंक के लिए जी का जंजाल
50000 हजार खातों को मजाक बना रहा एसबीआई सारंगढ़

सारंगढ़ न्यूज़/ खाता धारक दर दर भटकने को मजबुर
एसबीआई सारंगढ़ द्वारा भारत सरकार की महत्तकांक्षी योजना जनधन की धज्जियां उडाई जा रही है। प्रारंभ से ही यह योजना बैंको को खटकती रही है। मामला यह है कि वर्तमान में एसबीआई के जनधन खाता धारकों के लिए एक बडी समस्या आन पडी है जिसमें एसबीआई बैंक के द्वारा संचालित क्योस्क के माध्यम से सत्र 2014-15 के पहले और आज तक खोले गए जिसकी संख्या लगभग 50000 होगी, ये खाते टीनी बचत खाता के नाम से खोले गए जिसमें अधिकतम 50000 रूपए जक जमा रखा जा सकता था। अब बैंक इसकी क्षमता को अधिक कर इन खातों को टीनी स्पेशल ओडी नाम से 200000 रूपए जमा तक खातों में बदलना चाहती है। वास्तविकता में सरकार इन टीनी खातों को 5000 तक के ओडी खाते बनाना चाहती है ताकि किसी गरीब व जरूरत मंद व्यक्ति को अन्यथा की स्थिति में खाते में शुन्य राशि होने के बाद भी 5000 तक राशि आहतरित कर सके जिसे वह निश्चित समय में खाते में वापस जमा कर देगा तो उसे काई ब्याज भी नही लगेगा। अब ये छोटे खाताधारक ग्राहक सेवा केन्द्रों में रकम निकालने तो रहे हैं तो रकम नही निकल पाने के कारण औपचारिकता पुरी कर संबंधित एसबीआई शाखा में ग्राहकों को भेजा जा रहा है तो बैंक प्रबंधन खाता धारकों से गैरवाजिबन व्यवहार करते हुए उन्हे उन क्योक्स शाखाओं में जाने को मजबुर करते हैं जहां से खाते खुल होते हैं। ग्राहक पुनः क्योक्स आता है जहां फिर से रकम आहरण नही होता। गरीब और कमजोर व्यक्ति बस इन्ही के चक्कर काटता रहता है और बैंक वाले ग्राहको से इसी तरह र्दुव्यवहार करते रहते हैं। बैंक के कर्मचारी जन धन खाता धारकों को मजबुर करते हैं कि या तो खाताधारक अपने जमा रकम भुल जाए अथवा रकम निकालकर यह खाता बंद करवा दे। अब वर्तमान में खाता धारक इस बात को लेकर असमंजश में है कि वह खाता को बंद करवाए या नही, यदि वह बंद नही करवाता है तो कर्मचारी अधिकारी सहयोग नही कर रहे और यदि बंद करवा देता है तो जन धन के लाभ से खाता धारक वंचित हो जाता है।

जन धन बंद करेगा तो खाता धारक को होगा बडा नुकसान
सरकार द्वारा उठाए गए जनधन के कदम से करोडों लोग जो पहले कभी बैंकिग नही करते थे वह जुडे हैं साथ ही साथ इस योजना के कारण खाताधारक को 1 लाख रूपए तक का दुर्घटना बीमा एवं 30 हजार रूपए तक का जीवन बीमा लाभ भी मिलता है। इसके साथ साथ खाता धारक अपने समस्त प्रकार के वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, निराश्रित पेंशन, पीडीएस, गैस कनेक्शन, छात्रवृत्ति, जननी योजना आदि समस्त प्रकार के योजनाओं में खाता क्रमांक खाताधारकों द्वारा आबंटित किया जा चुका है। खाता बंद करने की स्थिति में खाताधारक की स्थिति पहले से भी बदतर हो जाएगी। इनके अलावा सरकार को ये खाताधारक जीवन सुरक्षा बीमा के लिए 12/-, जीवन ज्योति बीमा योजना के लिए 330/- और अटल पेंशन का अंशदान करता है उनका क्या होगा ?

केवाईसी की बात रटती रहती है बैंक
खाता धारकों को संतुष्ट करने के बजाए बैंक प्रबंधन सिर्फ केवाईसी की बात रटती रहती है। बैंक के अनुसार यदि किसी खाता धारक का पैसा नही निकल रहा है तो सिग्नेचर अपडेट कर के पैसा निकाला जा सकता है लेकिन अभी तक बैंक द्वारा केवाईसी द्वारा रकम निकाल कर धारकों को रकम अदा नही की गई है। शिकायतों के अनुसार एक एक ग्राहक केवाईसी के नाम पर 4 से 5 बार बैंक के चक्कर लगा चुके है। लेकिन आज तक सिग्नेचर अपग्रेट नही हुआ है। एक खाता धारक अपने दिन भर का कार्य छोडकर महज 5-6 हजार निकालने के लिए दो- दो महीनों तक रोज बैंक के चक्कर काटता है लेकिन बैक कर्मियों को इनकी समस्याओं से काई लेना नही रहता।

जन धन खाताधारकों की समस्याओं को समझिये
2014-15 से जनधन खाता खोले जा रहे हैं लेकिन कभी भी इन्हे कोई सुविधा उपलब्ध नही करवाई गई। खाता धारकों के खाते तो खाले गए लेकिन पासबुक से वंचित रखा गया। इन खातों में एटीम कार्ड तो दिया गया लेकिन ब्रांच में जाने पर भी कभी पासवर्ड नही दिया गया। कायदे से खाता धारकों को वो साीह सुविधाएं मिलनी चाहिए थी तो सरकार द्वारा तय किये गए थे किन्तु ऐसा नही हुआ। छोटे खाताधारकों को कभी भी सम्मान की नजरांे से बैंक प्रबंधन ने नही देखा चुंकि अधिकांश ग्राहक ग्रामीण अंचल से रहते हैं जो सीधे साधे व गरीब तबके से होते हैं उन्हे बहुत ही तिरस्कार की नजरों के साथ बैंक कर्मी व्यवहार करते हैं। इस तारतम्य में यह भी जानना आवष्यक है कि विगत दिनों रापागुला गंाव का एक व्यक्ति पेंशन के लिए चक्कर काटते काटते मृत्यू को प्राप्त हो गया लेकिन आज पर्यन्त भी उसका पेंशन अप्राप्त ही है। ऐसे गंभीर विषय में भी अधिकारी भी गोल मोल जवाब दे रहे हैं जन धन खातों के टीनी एसबी खातों का अपग्रडेशन टीनी स्पेशन में किया जाना है जो सारंगढ़ एसबीआई के अलावा अन्य सभी शाखाओं में हो रहा है, कहीं कहीं तो स्थानीय कर्मियों द्वारा अवैध रकम उगाही की शिकायतें मिल रही हैं सिपर जल्द खुलासा होगा। इस विषय में सारंगढ़ टाईम्स की टीम ने जब इस विभाग के आला अधिकारियों से बात की तो उनके द्वारा भी गोल मोल जवाब दिया गया।

क्या कहते हैं अधिकारी-

-वित्तीय समावेशन योजना अधिकरी एफ.आई श्रीमान पुर्ति रायगढ़
अभी टेक्निकल फाल्ट था, एक दो दिन में समस्या का समाधान हो जाएगा। कोई भी खाता धारक केवाईसी देकर अपने खाते से रकम आहरण कर सकता है।

– स्टेट बैंक आरबीओ विनोद सिंन्हा रायगढ़
इस बारे में बैंक मैनेजन से ही बात कर के कुछ बता पाउंगा। यदि आप 4-5 खातों का विवरण भेजें तो मैं उन्हे आईडेन्टीफाई कर के जानकारी दे सकता हुं।

– स्टेट बैंक मैनेजर एक्का सारंगढ़
हम अपने तरफ से पुरा प्रयास करते हैं और अभी भी कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से कुछ प्राब्लम के कारण दिक्कते रही है। कोई भी खाताधारक सिग्नेचर अपडेट करके अपने खाते से रकम निकाल सकता है

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