ट्रांस ब्यूटी क्वीन वीणा शेंद्रे ने किया कांग्रेस में प्रवेश। छत्तीसगढ़ की ट्रांस ब्यूटी क्वीन बनी थी भारत की पहली क्वीन
ट्रांस ब्यूटी क्वीन वीणा शेंद्रे ने किया कांग्रेस में प्रवेश। छत्तीसगढ़ की ट्रांस ब्यूटी क्वीन बनी थी भारत की पहली क्वीन
कांग्रेस का दामन थामने वालों में एक और बड़ा नाम सामने आया है ट्रांस क्वीन वीणा शेंद्रे का. ये वहीं वीणा शेंद्रे हैं जिन्होंने देश की पहली ट्रांस ब्यूटी क्वीन होने का खिताब जीता है.
मिस इंडिया ट्रांसजेंडर वीणा सेंद्रे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में भाग लेने बैंकॉक जा रही हैं। उन्होंने न केवल मंदिर हसौद बल्कि पूरे राज्य का मान बढ़ाया है।
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वीणा ने कहा कि वे अपनी कम्युनिटी के लिए कुछ अलग करना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने कांग्रेस में प्रवेश लिया. वीणा मिस ट्रांस क्वीन इंटरनेशनल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर रही हैं.
मिस इंडिया ट्रांसजेंडर वीणा सेंद्रे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में भाग लेने बैंकॉक जा रही हैं। उन्होंने न केवल मंदिर हसौद बल्कि पूरे राज्य का मान बढ़ाया है।
छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से उन्हें ढ़ेर सारी शुभकामनाएं।
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छत्तीसगढ़ की ट्रांसजेंडर । मीणा मुंबई में भारत की क्वीन बनी थी कैसे पढ़ें
मुंबई में आयोजित इस स्पर्धा में मंदिर हसौद की रहने वाली वीना सेद्रे ने शानदार प्रदर्शन किया और मुंबई में रविवार देर रात हुए ब्यूटी क्वीन खिताब में 13 हजार से अधिक वोट पाकर टाइटल अपने नाम किया।
रायपुर। छत्तीसगढ़ की वीना सेद्रे ने देश की पहली ट्रांस ब्यूटी क्वीन का खिताब जीत कर साबित कर दिया कि चुनौतियां जीवन का हिस्सा हैं और जो इनके साथ मंजिल तक पहुंच गया, वही सिकंदर है।
इस ऑनलाइन वोटिंग के जरिए देशभर से ट्रांसजेंडर समुदाय से ब्यूटी क्वीन का चुनाव हुआ था। इस कॉम्पिटिशन में वीना टॉप पर चल रही थीं और उन्होंने अपनी पॉजीशन बरकरार रखते हुए ताज पर आखिरकार कब्जा जमा ही लिया। वीना ने मैट्रिक तक पढ़ाई की है। उनका कहना है कि वे आगे और पढ़ना चाहती थीं, लेकिन परिस्थितियों विपरीत थीं। अभी वे डिस्टेन्स एजुकेशन के जरिए आगे की पढ़ाई पूरी कर रही हैं।
24 साल की वीना ने अपनी मॉडलिंग व पर्सनालिटी डेवलपमेंट की शुरुआत रायपुर में की और प्रशिक्षण लिया। रैंप पर वीना की अदाएं देखने लायक थीं। लोग उन्हें देखते रह गए। वीना इससे पहले फैशन की दुनिया के बेहद प्रतिष्ठित माने जाने वाले लैक्मे फैशन वीक के रैंप पर भी अपनी अदाओं का जलवा बिखेर चुकी हैं।
वीना ने नईदुनिया से चर्चा के दौरान कहा कि समाज में अक्सर ट्रांस जेंडर बच्चों को पैरेंन्ट्स से वह प्यार नहीं मिल पाता, जो आम बच्चों को मिलता है या यूं कहा जाए तो ऐसे बच्चे उपेक्षा के शिकार होते हैं। उन्हें उनके ही हाल पर छोड़ दिया जाता है। ऐसे बच्चों को भी एक सुखद भविष्य बनाने का अधिकार है। उन्हें सपोर्ट मिलना जरूरी है।
ऐसे चली प्रतियोगिता
पीजेंट इंडिया द्वारा यह ब्यूटी कॉन्टेस्ट पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया गया है। ट्रांसजेंडर्स समुदाय को संवैधानिक मान्यता मिलने के बाद से इस स्पर्धा का दायरा बढ़ा है और अब देश के प्रत्येक राज्य से ट्रांसवुमेन मॉडल्स इस स्पर्धा में चुन कर आ रही हैं।
अलग-अलग राउंड से होते हुए फाइनल मुकाबला सात अक्टूबर की रात को मुंबई में हुआ। पब्लिक वोटिंग, रैंप वॉक, व्यक्तित्व और प्रजेन्स और माइंड और सोशल अवेयरनेश से जुड़े कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखते हुए वीना ने सभी का दिल जीत लिया।
अब मॉडलिंग और अभिनय की दुनिया में कमाना चाहती हैं नाम
वीना ने इस स्पर्धा को जीतकर अपनी प्रतिभा को पूरी दुनिया के सामने साबित किया है। उनका टैलेंट, आत्मविश्वास और खूबसूरती किसी भी दूसरी लड़की के मुकाबले कम नहीं है। वीना ने कहा- अब आगे बतौर प्रोफेशनल मॉडल काम करते हुए अपनी पहचान को मजबूत बनाना चाहती हूं।
ऐसी है स्पर्धा
पीजेंट इंडिया द्वारा यह ब्यूटी कॉन्टेस्ट पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया गया है। ट्रांसजेंडर्स समुदाय को संवैधानिक मान्यता मिलने के बाद से इस स्पर्धा का दायरा बढ़ा है और अब देश के प्रत्येक राज्य से ट्रांसवूमेन मॉडल्स इस स्पर्धा में चुन कर आ रही हैं। अलग-अलग राउंड से होते हुए फाइनल मुकाबला 7 अक्टूबर की रात को मुंबई में हुआ। पब्लिक वोटिंग, रैंप वॉक, व्यक्तित्व और प्रजेन्स और माइंड और सोशल अवेयरनेश से जुड़े कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखते हुए वीना सभी का दिल जीत लिया।
अब मॉडलिंग और अभिनय की दुनिया में कमाना चाहती हैं नाम
वीना ने इस स्पर्धा को जीतकर अपनी प्रतिभा को पूरी दुनिया के सामने साबित किया है। उनका टैलेंट, आत्मविश्वास और खूबसूरती किसी भी दूसरी लड़की के मुकाबले कम नहीं है। वीना ने कहा कि वे अब आगे बतौर प्रोफेशनल मॉडल काम करते हुए अपनी पहचान को मजबूत बनाना चाहती हैं। इसके साथ ही बॉलीवुड की तरफ भी उनका रूझान है। यदि फिल्मों में बेहतर भूमिकाएं मिलीं, तो वे जरूर काम करना चाहेंगी।
बच्चों को चाहिए बड़ों का सहारा
वीना ने इस खिताब को जीतने के बाद एक चर्चा के दौरान कहा कि समाज में अक्स ट्रांस जेंडर बच्चों को उनके पैरेंन्ट्स से वो प्यार नहीं मिल पाता जो आम बच्चों को मिलता है। या यूं कहा जाए तो ऐसे बच्चे उपेक्षा का शिकार होते हैं और उन्हें उनके ही हाल पर छोड़ दिया जाता है। ऐसे बच्चों को भी एक सुखद भविष्य बनाने का अधिकार है। उन्हें सपोर्ट मिलना जरूरी है। वीना ने मैट्रिक तक पढ़ाई की है। उनका कहना है कि वे आगे और पढ़ना चाहती थीं, लेकिन परिस्थितियों के चलते उच्च शिक्षा नहीं ले पाईं। अभी वे डिस्टेन्स एजुकेशन के जरिए आगे की पढ़ाई पूरी कर रही हैं।
अन्य राज्यों ने इन ट्रांसजेंडर ने लिया था हिस्सा
1- वीना सेंद्रे – छत्तीसगढ़
2- नमीता अम्मू- तमिलनाडु
3- आइजिया जोशी- पंजाब
4- नीतू- कर्नाटका
5- आर्ची सिंह- दिल्ली
6- सानिया सूद- हिमाचल प्रदेश
7- माही गुप्ता- बिहार
8- दीपांजलि- पश्चिम बंगाल
9- हर्षिनी- आंध्र प्रदेश
10- नताशा सिंह- उत्तराखण्ड